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राष्ट्रीय किसान दिवस 2021: किसान दिवस की तिथि, इतिहास ओर महत्व

राष्ट्रीय किसान दिवस या किसान दिवस हर साल 23 दिस्म्बर को मनाया जाता है ,जो भारत के पाचवे प्रधान मंत्री चौधरी चरण  सिंह की जयंती है,  जो आपको जानना आवश्यक है

  राष्ट्रीय किसान दिवस 2021: किसान दिवस या राष्ट्रीय किसान दिवस 23 दिसंबर1 को देश भर मे किसानो की प्रशंसा करने के लिए  मनाया जाता है क्योंकि वे  भारत की रीढ़ है, इस दिन को भारत के पचंवे प्रधान मंत्री चौधरी चरण  सिंह की जयंती के सम्मान मैं चुना गया था

राष्ट्रीय किसान दिवस हर साल मनाया जाता है खासकर उन राज्यो मैं जो सक्रिय रूप से खेती मैं लगे हुवे है जेसे उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, अन्य

 

किसान समाज की रीढ़ है ये वे लोग है जो चौबीसों घंटे काम करते है, ओर यह सुनिचित करने के लिए पूरे साल का काम करते है की लोग भूखे ओर भूखे न मरें , लेकिन वे खुद दिन मैं 2 वक्त के भोजन के लिया संघर्ष करते है, इसलिए जागरुकता  को बढ़ावा देने  के लिए , कसनों को समाज मे उनके योगदान के लिए मदद करने और पुरस्कृत करने के लिए ,किसान दिवस हर साल मनाया जाता है ,

राष्ट्रीय किसान दिवस 2020: इतिहास

किसान  नेता चौधरी चरण  सिंह ने  28 जुलाई , 1979 से 14 जनवरी , 1980 तक बहुत कम समय के लिए देश की सेवा की , उन्होने किसानो  के लिए कई कल्याणकारी  योजनाओ की शुरुआत  की और किसानो और उनकी समस्याओ पर कई किताबों लिखी , जिसमे विभिन्न समाधानो का चित्रण किया गया , देश के किसानो के जीवन को बेहतर बनाने के लिए इस लिए सरकार ने 2001 मे चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप मे मानने का फैसला किया

 

चौधरी चरण सिंह ने पसिद्ध नारे – “जय जवान जय किसान ” का अनुसरण किया , जो भारत के दूसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शंस्त्री द्वाराअनो को दिया गया था |

राष्ट्रीय किसान दिवस के लिए उदाहरण  

  • “अमर कृषि खराब हो जाती है , तो देश मे किसी और को सही होने का मौका नही मिलेगा” एसएस स्वामीनाथन
  • कृषि की खोज सभी जीवन की ओर पहला बड़ा कदम था “- आर्थर कीथों
  • “किसन एक जादूगर है जो कीचड़ से पैसा पैदा करता है ” – अमित कलंत्री
  • “किसान के लिए ,गंदगी बर्बादी नहीं है ,यह धन है ” –  अमित कलंत्री
  • “अगर किसान अमीर है ,तो राष्ट्र भी है,” –  अमित कलंत्री
  • केवल किसान ही वसंत मे ईमानदारी से बीज बोता है , जो शरद ऋतु मे  फसल काटना है ” – बीसी फोर्ब्स
  • खेती आशा का पेशा है ” – ब्रायन ब्रेट
  • मैंने बार – बार कहा है कि भविसय अनाज वाले देशो का है , बदूकों का नहीं ” – एमएस स्वामीनाथ

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