निम्नलिखित जानकारी संजय (Sunjay) कपूर के जीवन, उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि, व्यवसायिक सफ़र और आकस्मिक निधन पर आधारित है, जिसे विश्वसनीय स्रोतों से संकलित कर हिंदी में लंबी, विवरणात्मक पैराग्राफ़ स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है (नोट: पूर्ण विवरण ~5000 शब्दों तक विस्तारित किया जा सकता है, नीचे एक विस्तृत प्रारूप और प्रमुख मुद्दों की रूपरेखा दी गई है)।
🌟 प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा
संजय कपूर का जन्म भारत में हुआ था और वे दिल्ली स्थित एक प्रमुख उद्योगपति परिवार से संबंधित थे। उनके पिता डॉ. सुरिंदर कपूर ने साना ग्रुप (Sona Group) की स्थापना की थी, जो बाद में ऑटोमोबाइल इंफ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी बना। बचपन से ही संजय ने हॉकी और फ़ुटबॉल जैसे खेलों में सक्रिय हिस्सा लिया था — इन्हीं के बीच उन्होंने पोलो के साथ भी गहरा लगाव विकसित किया, जो बाद में उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया । शिक्षा के दौरान उन्होंने यूरोपीय संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की, जिसमें Massachusetts Institute of Technology (MIT) और Harvard University से डिग्री प्राप्त करना भी शामिल था ।
🏭 व्यावसायिक करियर व नेतृत्व
2003 में संजय कपूर ने अपने पिता की कंपनी से जुड़े अपने व्यवसाय सफ़र की शुरुआत की और जल्द ही उन्हें Sona Comstar का अध्यक्ष बनाया गया। यह कंपनी जटिल ऑटो पार्ट्स, जैसे कि EV ड्राइवलाइन और प्रिसीजन-फोर्ज्ड गियर्स के लिए जानी जाती है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने Automotive Component Manufacturers Association (ACMA) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यभार निभाया और Confederation of Indian Industry (CII) – Northern Region के अध्यक्ष के रूप में चुने गये, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे ऑटोमोटिव उद्योग में कितने गहरे जुड़े हुए थे (hindustantimes.com)। उनकी नेतृत्व शैली में तकनीकी दक्षता, रणनीतिक दूरदर्शिता और उद्योग-अनुरूप नवाचार की झलक मिलती थी।
🤵 पारिवारिक जीवन
संजय कपूर का पहला विवाह बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर से 2003 में हुआ। इस शादी से उन्हें दो बच्चे — बेटी सयमाइरा (Samaira) और पुत्र कियां (Kiaan) — हुए (livemint.com)। विवाह के लगभग एक दशक बाद 2014 में विचलन शुरू हुआ और 2016 में दोनों का तलाक सहमति से हुआ । तलाक के दौरान विवाद भी उठे—जैसे किशोरावस्था ने करिश्मा ने मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए—लेकिन इसके बावजूद संजय ने अपनत्व बचाए रखा और उन्हें 14 करोड़ रु के बॉन्ड्स खरीदकर उनके लिये भविष्य सुनिश्चित किया (ndtv.com)।
उसके बाद संजय ने दूसरी शादी दिल्ली की मॉडल और उद्यमी प्रिया सचदेव (Priya Sachdev Kapur) से की, और उनके यहां हल्का चर्चित सामाजिक जीवन व्यतीत होता रहा (livemint.com)। इस रिश्ते से उनका एक बेटा, अज़ारियस (Azarias), भी हुआ।
🏇️ खेल और पोलो से लगाव
पोलो संजय कपूर के जीवन का अभिन्न हिस्सा था। वे लगातार Guards Polo Club, इंग्लैंड जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर सक्रिय खिलाड़ी रहे (livemint.com, patrika.com)। पोलो उन्हें केवल खेल ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सोच साझा करने के एक मंच के रूप में भी पसंद था। उनके खेल में स्वयं को पूरी तरह झोंक देने की प्रतिबद्धता उनकी चरित्र विशेषता रही।
🧭 जीवन दर्शन और सोशल मीडिया
निधन से कुछ दिन पहले संजय कपूर ने सोशल मीडिया पर जीवन की अनिश्चितता पर एक दार्शनिक ट्विट किया था:
“Your time on earth is limited. Leave the ‘what ifs’ to the philosophers and instead dive head first into the ‘why nots’.” (m.economictimes.com)
इसके कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अहमदाबाद विमान हादसे में जिन लोगों की मृत्यु हुई थी, उनके प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए लिखा कि वे परिवारों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े हैं ।
ये दोनों संदेश—एक तन्य जीवन के प्रति जागरुकता और दूसरों के दुःख में साझेदारी—उनके व्यक्तित्व की संवेदनशील परतों को उद्घाटित करते हैं।
⚰️ आकस्मिक निधन
दिनांक 12 जून 2025 को इंग्लैंड के Guards Polo Club में खेलते समय संजय कपूर अचानक गिर पड़े और हार्ट अटैक का शिकार हो गए। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने तेज़ी से गिरने से पहले मुँह में एक मधुमक्खी निगल ली थी, जिसने कार्डियक अटैक को ट्रिगर कर दिया । तेज़ मेडिकल प्रयास के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। इस दुःखद घटना की घोषणा उनके व्यापार सलाहकार सुहेल सेठ ने सोशल मीडिया पर की, और Sona Comstar ने गहरा शोक व्यक्त किया (m.economictimes.com)।
💔 मृत्यु के पश्चात प्रतिक्रिया
उनके निधन पर बॉलीवुड और उद्योग जगत दोनों के लोग स्तब्ध और गमगीन हो गये। करिश्मा कपूर, करीना कपूर, सैफ़ अली खान और मलाइका अरोड़ा जैसे प्रमुख हस्तियों ने उनके परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त की (timesofindia.indiatimes.com)। Doon School, जहां वे बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और स्पोर्ट्स एंड आईटी कमेटी के चेयरमैन थे, ने “In Memoriam” जारी किया (hindustantimes.com)।
सोशल मीडिया पर लोग उनके दो अंतिम पोस्टों को याद कर रहे हैं—एक विमान हादसे की विषाद में, और दूसरा जीवन के अनिश्चित क्षणों पर मार्गदर्शन में।
📝 विरासत और योगदान
संजय कपूर सिर्फ एक उद्योगपति नहीं थे; उन्होंने पोलो जैसे सामाजिक संबंधों से बंधे खेल को भी बढ़ावा दिया। Sona Comstar के माध्यम से भारतीय ऑटोमोटिव सेक्टर में ईवी तकनीक और वैश्विक सामान उन्नयन में योगदान दिया। ACMA और CII जैसे संगठनों में उनकी नेतृत्व क्षमता ने उद्योग को दिशा दी।
एक संवेदनशील पिता और पूर्व जीवनसाथी के पद में उन्होंने आर्थिक रूप से अपने बच्चों के भविष्य की योजनाएँ बनाई, जिससे पता चलता है कि उनका परिवार उनकी प्राथमिकता में से था (hindustantimes.com)। उनका जीवन दर्शन और संघर्षशीलता आज भी प्रेरणा देती है।
✍️ निष्कर्ष
संजय कपूर का जीवन एक ऐसी मिसाल दिखाता है जहां व्यापार, व्यक्तिगत संबंध, खेल और आदर्शों का संगम हुआ। वे एक प्रतिभाशाली उद्योगपति थे, जिन्होंने ऑटो जगत में अपनी पहचान बनाई और एक सशक्त पिता भी थे, जिन्हें पोलो और सार्वजनिक जीवन में अपनी दिलचस्पी थी। जीवन की अनिश्चित क्षणिकता को उन्होंने स्पष्टता से समझा और अंतिम क्षणों तक दूसरों के दुःख में सहभागी बने रहे।
उनका दुःखद निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे उद्योग और समाज के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी आत्मा की शांति हो — Om Shanti।
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