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राजीव गांधी – संक्षिप्त परिचय

राजीव गांधी – संक्षिप्त परिचय

विवरण जानकारी
पूरा नाम राजीव रत्न गांधी
जन्म 20 अगस्त 1944, बॉम्बे (अब मुंबई), भारत
मृत्यु 21 मई 1991, श्रीपेरंबुदूर, तमिलनाडु
पिता फिरोज गांधी
माता इंदिरा गांधी (भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री)
पत्नी सोनिया गांधी
बच्चे राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा
शिक्षा कैंब्रिज विश्वविद्यालय, लंदन
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
प्रधानमंत्री कार्यकाल 31 अक्टूबर 1984 – 2 दिसंबर 1989

🟡 प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। वे भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बड़े पुत्र थे। उनका बचपन मुख्य रूप से नई दिल्ली में बीता। उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के प्रसिद्ध स्कूल “दून स्कूल” में हुई।

बाद में वे उच्च शिक्षा के लिए लंदन और फिर कैंब्रिज विश्वविद्यालय गए। वहाँ उन्होंने इंजीनियरिंग और बाद में कंप्यूटर साइंस से संबंधित पढ़ाई की, लेकिन वे पढ़ाई पूरी नहीं कर सके।


🟣 वैवाहिक जीवन

राजीव गांधी ने एक इटालियन युवती एंटोनिया माइनो से विवाह किया, जिन्हें आज हम सोनिया गांधी के नाम से जानते हैं। उनका यह विवाह 1968 में हुआ। दोनों के दो बच्चे हुए — राहुल गांधी और प्रियंका गांधी


🔵 राजनीति में प्रवेश

राजीव गांधी का राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं था। वे एक पेशेवर पायलट थे और इंडियन एयरलाइंस में काम करते थे।

लेकिन उनके छोटे भाई संजय गांधी की 1980 में एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद, परिवार और कांग्रेस पार्टी के दबाव में उन्होंने राजनीति में कदम रखा।

1981 में अमेठी से लोकसभा चुनाव जीते, जो पहले संजय गांधी का क्षेत्र था।


🔴 प्रधानमंत्री बनना

31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, राजीव गांधी को कांग्रेस पार्टी का नेता और भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया।

भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने – मात्र 40 वर्ष की उम्र में।


🟢 प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल (1984 – 1989)

राजीव गांधी को “आधुनिक भारत के निर्माता” भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने तकनीक, दूरसंचार और शिक्षा के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव किए।

🔷 मुख्य उपलब्धियाँ:

  • भारत में कंप्यूटर और सूचना तकनीक को बढ़ावा दिया।

  • टेलीफोन क्रांति की शुरुआत की – STD बूथ और डिजिटल टेलीफोन सेवाएं।

  • पंचायती राज को मजबूत किया – स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा।

  • शिक्षा में नवाचार – नवोदय विद्यालयों की स्थापना।

  • साइंस और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा – IITs और टेक्निकल संस्थानों को सहायता।

  • “21वीं सदी का भारत” का सपना।


🟡 विवाद और आलोचनाएँ

🔶 भोपाल गैस त्रासदी (1984):

इस भयानक औद्योगिक दुर्घटना से निपटने में सरकार की भूमिका विवादों में रही।

🔶 श्रीलंका में IPKF भेजना (1987):

उन्होंने तमिल अलगाववादी संगठन LTTE के खिलाफ श्रीलंकाई सरकार की मदद के लिए भारतीय शांति सेना (IPKF) भेजी, जिससे विवाद हुआ।

🔶 बोफोर्स घोटाला (1986):

स्वीडन की एक तोप निर्माता कंपनी से रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जिससे उनकी छवि को बड़ा नुकसान हुआ।


🔴 1989 चुनाव और हार

बोफोर्स विवाद और अन्य मुद्दों के कारण कांग्रेस पार्टी को 1989 के आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। राजीव गांधी विपक्ष के नेता बने।


🔵 हत्या (21 मई 1991)

1991 के आम चुनाव प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक रैली के दौरान LTTE की आत्मघाती हमलावर द्वारा बम धमाके में उनकी हत्या कर दी गई।

उनकी हत्या के पीछे कारण था – श्रीलंका में LTTE के खिलाफ भेजी गई भारतीय सेना।


🟣 राजीव गांधी की विरासत

टेक्नोलॉजी और युवाओं के प्रतीक

  • वे युवाओं को राजनीति में लाना चाहते थे।

  • भारत में कंप्यूटर क्रांति और सॉफ्टवेयर उद्योग की नींव उन्हीं की देन है।

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार

  • भारत सरकार द्वारा खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान।

राजीव गांधी राष्ट्रीय साद्भावना पुरस्कार

  • समाज में सद्भावना और शांति के लिए कार्य करने वालों को यह पुरस्कार दिया जाता है।


🟢 यादगार स्मारक और सम्मान

  • वीर भूमि (नई दिल्ली): राजीव गांधी की समाधि स्थल।

  • कई विश्वविद्यालय, योजनाएं और संस्थान उनके नाम पर हैं।


🟡 निष्कर्ष

राजीव गांधी एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने भारत को 21वीं सदी के लिए तैयार करने की नींव रखी।
उनकी सोच आधुनिक भारत के निर्माण के लिए प्रेरणा रही है।
हालांकि उनके कार्यकाल में कुछ विवाद भी रहे, परंतु आज भी उन्हें एक प्रगतिशील, युवा और तकनीक-प्रेमी नेता के रूप में याद किया जाता है।


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